Featured post

Is it good to give bhagavatam book as gift to elders?, क्या वृद्ध व्यक्तियों को भागवत उपहार में दी जा सकती है ?

 Is it good to give bhagavatam book as gift to elders?

क्या वृद्ध व्यक्तियों को भागवत उपहार में दी जा सकती है ?

जो समाज में वृद्ध व्यक्ति हैं,उन्हें हम उपहार के तौर पर  श्री मद्भागवत गीता अथवा पुराण दे सकते हैं

गीता अथवा भागवत की ही बात  नहीं हम शिव भक्त को शिवपुराण और देवी भक्त को देवी पुराण गिफ्ट के तौर पर दे सकते हैं।

पुराण में  ज्ञान दिया रहता है ,साथ ही हमारे कर्तव्य का निश्चय कराने वाले श्री हरि व उनके भक्तों के  वचन  मिलते हैं।

श्री मद्भागवत गीता में पुरुषोत्तम श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य ज्ञान दिया है और स्वयं श्री कृष्ण की बाणी रूप है।

भागवत पुराण में भी दिव्य ज्ञान है अंतर यहां सारे विष्णु अवतार व १४ भूवनो का वर्णन है,इसके अतिरिक्त इतिहास की जानकारी भूगोल सहित मिल जाती है।

श्री कृष्ण ने तीन प्रकार के पुरुष का उल्लेख किया 


अध्याय 15 श्लोक 16

द्वौ इमौ पुरुषौ लोके क्षरः च अक्षरः एव च |क्षरः सर्वाणि भूतानि कूटस्थः अक्षरः उच्यते ।।१६

इस संसार में, दो प्रकार के भगवान हैं, नाशवान और अविनाशी और सभी प्राणियों के शरीर नाशवान और आत्मा अविनाशी कही जाती है।।


गीता अध्याय 15 श्लोक 17- वास्तव में शाश्वत तो पूर्ण परमात्मा है।

अध्याय 15 श्लोक 17,उत्तमः पुरुषः तु अन्यः परमात्मा इति उदाहृतः ।यः लोकत्रयम् आविश्य बिभर्ति अव्ययः ईश्वरः।17।

हालाँकि, सर्वोत्तम परमात्मा तो कोई और है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सभी का पालन-पोषण करते हैं और उसे अमर परम ईश्वर कहते हैं।

विशेष - 

विशेष - महेश्वर तंत्र में स्पष्टत: शिव जी ने माता पार्वती को तीन पुरुष का विवरण दिया।पहले पुरुष सारे जीव - यहां तक कि आदि नारायण भी।

अक्षर पुरुष - यह परमेश्वर खेल -२ में अगणित ब्रह्मांड  बनाते ऑर नाश करते रहते हैं।प

परमअक्षर पुरुष - अक्षर पुरुष से उत्तम  हैं इन्हें दिव्य ब्रह्मपुर वासी कहा गया है ,यही श्री कृष्ण पुरुषोत्तम कहे जाते हैं।

ब्रह्म संहिता से भी शिव वचनों की पुष्टि होती हैं।

 देखिए शिव वचनों की पुष्टि स्वयं श्री कृष्ण कर रहे हैं।


यस्मात्क्षरमतीतोऽहमक्षरादपि चोत्तम: । अतोऽस्मि लोके वेदे च प्रथित: पुरुषोत्तम:।१८।

क्योंकि मैं क्षर तथा अक्षर दोनों के पर हूं चूंकि कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं अतएवं में इस जगत में तथा वेदों में परम पुरुष के रूप में विख्यात हूं।।

हां पवित्र पुस्तकों को धार्मिक व्यक्ति के लिए उपहार स्वरूप दिया जाना चाहिए।।


टिप्पणियाँ