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श्री हरि।।
आज का समय ही ऐसा है कि कुछ बुद्धिजीवी लोग राधा चरित्र को ही नहीं मानते , उन्हें काल्पनिक समझते हैं। कुछ ज्ञानी विशेषकर रामपाल जी और उनके अनुयायी यह मानते हैं कि गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं दिया बल्कि उनके शरीर में प्रवेश कर भगवान सदाशिव ने गीता ज्ञान दिया था।इसी प्रकार ब्रह्म कुमारी संस्था भी प्रभु को गीता ज्ञान दाता नहीं मानती। भगवान श्रीकृष्ण ने राधा से प्रेम किया परन्तु शादी क्यों नहीं की?
इस प्रकार के तमाम प्रश्न समाज में एक भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए किए गए हैं। और यदि ऐसा न भी माने तो संत समाज को इन प्रश्नों का सटीक उत्तर देना चाहिए था जिससे लोगों की जिज्ञासा शांत हो जातीं।
अब इस प्रश्न को ही ले लीजिए कि ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्री सरस्वती से शादी क्यों की थी।
अब हम मूल प्रश्न पर आते हैं कि श्री कृष्ण ने राधा से प्रेम के बाबजूद रुक्मणि से शादी क्यों की थी?
यहां पर सबसे पहली बात तो यह है कि श्री कृष्ण ने राधा से विवाह किया था और स्वयं ब्रह्मा जी ने उनका विवाह करबाया था।
प्रमाण ब्रह्म वैवर्त पुराण तथा गर्ग संहिता।
अब यह तो ग़लत होगा कि जहां श्री कृष्ण और राधा दोनों का विस्तार से वर्णन है वहां से हम यह तो ग्रहण कर लें कि उनमें प्रेम था परन्तु यह न माने की ब्रह्मा जी ने भाण्डीर वन में राधा कृष्ण का विवाह करबाया था। दूसरी बात दोनों कौन थे इसके भी उत्तर विस्तार से शास्त्रों में दिए हैं। महेश्वर तंत्र ,गर्ग संहिता और ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण स्वयं मूल परमेश्वर थे और राधा रानी उनकी प्रियतमा अर्थात मूल प्रकृति।
महेश्वर तंत्र के अनुसार परात्पर धाम दिव्य ब्रह्मपुर में जिसकी स्थिति त्रिपाद विभूति से परे है , पुरुषोत्तम श्री कृष्ण की अर्धांगिनी श्यामा जी व अन्य सखियों ने अक्षर ब्रह्म की लीला को देखने की इच्छा जताई थी जिसके फलस्वरूप श्रीकृष्ण नंद घर उत्पन्न हुए और श्यामा जी वृषभानु की पुत्री राधा हुईं।
तो राधा रानी और श्रीकृष्ण का स्वरूप ज्ञान होने पर यह प्रश्न निर्माण नहीं होता।
पुरुषोत्तम श्री कृष्ण में उनके सभी स्वरुप जैसे श्री नारायण, श्री विष्णु देव, श्री राम, नारायण ऋषि तथा नृसिंह आदि सम्मिलित थे।
वैकुंठ नाथ श्री नारायण की प्रिया महालक्ष्मी हीं भीष्मक नंदिनी रुक्मणि थी जिनका विवाह श्री कृष्ण के साथ पूर्व निर्धारित था।
कुछ लोग यह बताते हैं कि श्री कृष्ण के मथुरा जाने के बाद राधा रानी का विवाह यशोदा के भाई रायाण गोप से हुआ था सो श्रीकृष्ण की राधा मामी लगती थीं।
दरअसल जो वास्तविक राधा थीं वह विवाह के समय छाया राधा को प्रकट कर अंतर्ध्यान हो गयीं थी।इस प्रकार छाया राधा की शादी रायाण गोप से हुई थी।
अब यह छाया राधा कौन थी? सो ब्रह्म वैवर्त पुराण में इसका भी वर्णन है। छाया राधा पूर्व में हरि भगवान के भक्त ध्रुव के पौत्र राजा केदार की कन्या वृंदा थी।
इन सभी बातों को न जानने का कारण यह है कि ब्रह्म वैवर्त पुराण, महेश्वर तंत्र और श्री गर्ग संहिता का अध्ययन नहीं किया जाता।
जो ब्रह्म वैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में वर्णित ज्ञान को सत्य नहीं मानते, फिर जो श्री कृष्ण को अक्षरातीत परमेश्वर नहीं मानते , उनके संदेह का कोई समाधान नहीं हो सकता।
धन्यवाद।।
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