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कौन हैं परमेश्वर शिव ?, शिव का कैसा है स्वरुप ?, शिव कहां रहते हैं ?

 कौन हैं परमेश्वर शिव ?,

शिव का कैसा है स्वरुप ?,

शिव कहां रहते हैं ? 

इसका यथार्थ वर्णन शिवपुराण में वर्णित है।

दिव्य जगत में सर्वोपरि लोक शिवलोक है।इसके निकट ही  गोलोक धाम है जहां  श्रीकृष्ण राधा देवी के साथ रहते हैं।

शिवलोक  अत्यंत दिव्य, निराधार एवं अभौतिक है। भगवान शिव महासभा के मध्य रत्नों से निर्मित सिंहासन पर   पराशक्ति उमा के साथ विराजमान हैं।

भगवान शिव के ५ मुख हैं , प्रत्येक मुख में तीन-२नेत्र हैं ,अंग कांति कपूर के समान गौर वर्ण है।नीलकण्ठ महादेव के सारे अंग में भस्म है।बाघम्बर धारी प्रभु बड़े सुंदर हैं।

मस्तिष्क पर किरीट , कानों में कुण्डल शोभित हैं। चेहरे पर मंद मुस्कान है।


 सम्पूर्ण शिव लोक में हजारों उद्यान ,सागर एवं पर्वत आदि स्थित हैं। वहां एक दिव्य सभा है जो

हजारों योजन चौड़ी है, महासभा की भूमि रत्नमय है ,उसमें इंद्रनीलमणि के हजारों खम्बे स्थित हैं।सभा चंद्रमण्डल के समान तथा चौकोर  है , मोती माणिक्य से निर्मित है।

शिव  कालब्रह्म हैं ,उनसे ही श्री नारायण, ब्रह्मा ,रुद्र एवं महेश्वर का प्राकट्य हुआ है।

भगवान शिव की प्रिया उमा देवी परा शक्ति हैं जो लक्ष्मी,सरस्वती सावित्री, राधा और पार्वती रुपों में प्रकट हुईं।

उमा देवी मूल प्रकृति हैं।इनका पूर्ण रूप पार्वती देवी हैं। भगवान शिव का पूर्ण रूप रुद्र भगवान हैं जो सृष्टि रचने की प्रक्रिया में ब्रह्मा के ललाट प्रदेश से प्रकट हुए थे।

दरअसल श्रीनारायण उन शिव के वाएं अंग से, ब्रह्मा जी दाएं भाग तथा स्वयं शंकर उनके ह्रदय प्रदेश से प्रकट हुए।

दूसरे शब्दों में एक ही शिव रज ,सत्व आदि गुणों अनुसार ब्रह्मा विष्णु और शंकर के रुपों में विभक्त हुऐ हैं।

भगवान शिव ब्रह्मा रुप से सृष्टि निर्माण का कार्य करते हैं, विष्णु रूप में विश्व का पालन करते हैं तथा रुद्र रूप में ब्रह्मा द्वारा निर्मित विश्व का संहार कर देते हैं।

महेश्वर रुप में संसार में परिवर्तन लाते हैं एवं अनुग्रह रुपी कार्य वह स्वयं करते हैं।

इस प्रकार शिव वह हैं जो  ब्रह्मा, विष्णु,शंकर और महेश्वर , प्रधान के भी ईश्वर हैं ,तभी तो ईश्वरों का भी ईश्वर अर्थात परमेश्वर कहा जाता है।शिव का अर्थ ही कल्याण करने वाला होता है अर्थात वह कल्याणकारी परमेश्वर हैं।

शिव यदि श्रीनारायण हैं तो उमा महालक्ष्मी,शिव यदि कृष्ण हैं तो उमा राधा देवी,शिव यदि ब्रह्मा जी हैं तो उमा सावित्री देवी हैं।

इस प्रकार सारे पुरुष भगवान शिव हैं तो सारी स्त्रियां उमा रुप हैं।

वही विश्व में व्याप्त हैं।

निर्गुण निराकार परब्रह्म ही शिव रुप में प्रकट हुए थे। शिव का अन्य नाम सदाशिव है।

धन्यवाद।

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